Day: March 15, 2018
#Lekh ( Samiksha) by M M Chandra
वरिष्ठ व्यंग्यकार गिरीश पंकज जी द्वारा आपके मित्र के लघु उपन्यास “प्रोस्तोर” की समीक्षा …………………………………………… औद्योगिक जगत के भयावह चेहरे
Read more#kavita by Mukesh Marwari
यादे:- याद बहुत आयेंगे गुड्डे गुडियों वाले गीत । साहित्य की गहरी जडे़ और प्यारे प्यारे मीत । याद
Read more#Gazal by Shanti Swaroop Mishra
न जाने उसने कैसा, ये फसाद कर दिया ! प्यार की हवाओं में, कैसा विषाद भर दिया ! अपनी चाहतों की सूची थमा के हाथों में, अपनी ज़िन्दगी से हमें, आज़ाद कर दिया ! सोचते थे कि प्यार की कीमत नहीं होती, मगर मेरे इस ख़याल को, बेस्वाद कर दिया ! रहेगा अफ़सोस हमें ज़िंदगी भर दोस्तो, कि खुशियों के मकां में, ग़म आबाद कर दिया ! सिरफिरों की दुनिया में कैसे जियेंगे “मिश्र,” हमें तो ज़फा की नगरी ने, बर्बाद कर दिया ! शांती स्वरुप मिश्र
Read more#Kavita by Ashutosh Anand Dubey
सुकमा के किस्टाराम में सेना के जवानों पर अचानक हुए नक्सली हमले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करती मेरी रचना:- **********
Read more#Kavita by Garima Singh
हिन्दी दिवस : रंग बिरंगा है इतिहास बहुत कुछ मुझमे है खास राम और कृष्णा के प्रमाण का मैं ही
Read more#Kavita by Krishan Kumar Saini Dausa
32मनहरण घनाक्षरी छंद-देशभक्ति ** आतंकी बिचौलियों से,पाकिस्तानी गोलियों से, डर नहीं सकते हैं हिंदुस्तानी शेर हैं॥ नस नस में
Read more#Kavita by Rajendra Bahuguna
किसान का अपमान मैं किसान हूँ पर भारत में अब मेरी कुछ औकात नही हेै जय जवान फल-फूल रहे हैं,जय
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