#Kavita by Gaurav Gupta
स्याहीं ख़र्च करता, हूँ अक्सर, तेरी यादों की, स्याही….. हैं देती, क़लम ये, इस बात की, गवाही….. बैठों न, संग
Read moreस्याहीं ख़र्च करता, हूँ अक्सर, तेरी यादों की, स्याही….. हैं देती, क़लम ये, इस बात की, गवाही….. बैठों न, संग
Read moreसाथी कोई वफादार नहीं मिलता ————————————— मेरा हमदम मेरा यार नहीं मिलता सच्ची चाहत दिलदार नहीं मिलता रूठी सी
Read moreसहिष्णु भारत। —- असहिष्णु न हुए कभी इतिहास जरा देखे होते। तेरे पापों का फल हम आज नहीं धोते होते।
Read moreपेट रोटी मांगता रहा जिस्म पसीना बहाता रहा हर मुफलिस यही एक कहानी दौस्त उम्र तो खेलने कूदने की थी
Read moreकविता ….. व्रीडा खोया स्वत्व दिवा ने अपना अंतरतम पीड़ा जागी घूँघट नैन छिपाए तब ही धड़कन में व्रीडा जागी
Read moreमिटाकर के हथेली से पुनः तेरा नाम लिखता हूँ ^———-^———-^———–^——— ^ तुम्हारी याद जो आई तो मैं पैगाम लिखता हूँ
Read moreआज सुबह सुबह एक ख्वाब देखा ख्वाब में उसका मुस्कुराता चेहरा देखा। वही उसकी पुरानी तस्वीर थी, वही उसका संगमरमर
Read more“लौट आओ जीवन में साथी” “लौट आओ जीवन में साथी, कुछ तो अपनत्व की- चाहत होगी। सपनो में ही सही
Read moreपति पत्नी का आपसी रिश्ता पति पत्नी का आपसी रिश्ता । जीवन भर आपस में चलता । आपस में विश्वास
Read moreकुंती का कर्ण जब आवश्यकता थी उन्हें सिर पर बिठाया काम निकल जाने पर छिटक दिया बीच रास्ते एकाएक राह
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