#Muktak by Vijay Narayan Agrwal
शेर:– जिस फ़साने में मेरे इलाही न हों, उस फ़साने से मेरा नहीं वास्ता।। मुक्तक:– कुछ लोग मिले
Read moreशेर:– जिस फ़साने में मेरे इलाही न हों, उस फ़साने से मेरा नहीं वास्ता।। मुक्तक:– कुछ लोग मिले
Read moreतेरी यादों के कदम रुकते नहीं कभी! तेरी जुल्फों के सितम रुकते नहीं कभी! रोशनी उम्मीदों की जलती है हरदम,
Read moreदोहा:– नेक जनों के साथ से,मिलता सुखद बिचार। जैसे पुष्पित बारी की, निर्झर गंध बयार।। मुक्तक:– चाहे
Read moreदोहा:– सत्य मार्ग को छोड़कर ,भाव भरो नहिं हीन। जग दुख का साथी नही,हरपल करो कुलीन।। –:कुन्डली छन्द:– दो
Read moreभावी उन्नति की यही , पहली सीढ़ी होय. ! मित्र आत्मविश्वास सा , नहीं दूसरा कोय !! नहीं दूसरा कोय
Read moreमुक्तक [1]हम मोहब्बत की राहों, में हैं कम नहीं। तोड़ दूँ इक कली की,,, तरह हम नहीं। हमने थामा
Read moreशेर:– मैने चाहा द्वार पर कुछ रोशनी होती रहे, उसने पूरी तीरगी ही आशियॉ से दूर की।। मुक्तक:–
Read moreदोहा:– दे प्रकाश इतना मुझे, करुणामय भगवान। चाहत रस की पूर्ण कर,तुझे सकूँ पहचान।। मुक्तक:– जगत प्रकाशित
Read moreदोहा:– मौलिक जीवन मिल गया,करने को उपयोग। अब रस में है सोधना,काम-क्रोध अरु भोग।। मुक्तक:– विश्वास लेख
Read moreजीवन चाहे स्वल्प हो, पर होवे सिरमौर ! निरुद्देश्य जीवन बड़ा , उसपर करो न गौर !! उसपर करो न
Read more| मुक्तक विन्यास में रमेशराज की तेवरी || न दीखेगा पेड़ों पर बौर अभी अच्छे दिन आने और | तुझे
Read moreदोहा:– आने वाले समय का,सत्य करो स्वीकार। बीत गये जो साल दिन,उन्हें छोड़ उसपार।। मुक्तक:– रोगी को
Read moreजिंदगी भर जिंदगी से लड़ रहा है आदमी जिंदगी अज़ब तरीके से पढ़ रहा है आदमी नज़र कहीं कदम कहीं
Read moreदोहा:– जीवन में अच्छा बुरा,अभिमत सबके पास। लेकिन कामुक वासना,करती सदा विनाश।। मुक्तक:– मौलिक रस चन्दन करे,
Read moreदर दर मत्था टेक रहे, कि जगह मिलेगी स्वर्ग में, खुद को अच्छा बता रहे हैं, जाने किस संदर्भ में,
Read moreदोहा:– स्वार्थ सिद्धि का दिख रहा,जग में गहरा कूप। मोहित मन शोषित करत,अपने ही अनुरूप।। मुक्तक:– कुन्ठा – तृष्ना
Read moreहलधर के दोहे —————– 1- कवि का जीवन साधना ,साधन इसका भाव । जीवन लीला बाद भी ,मिटता नही प्रभाव
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