#Gazal by Azam Sawan Khan
अश्कों में वो भीगता खामोश है
वक़्त उसको कर गया खामोश है
सच के रस्ते चलने वाले सोच ले
दूर तक ये रास्ता खामोश है
दर्द दिल का वो मेरा सुनता नहीं
जाने क्यों मेरा ख़ुदा खामोश है
लग गया है रोग उसको इश्क का
वो बड़ा मैंने सुना खामोश है
हाल दिल का कुछ बयाँ तो कर ज़रा
इस तरह से क्यों भला खामोश है
बात ऐसी बोल दी उसने मुझे
वो लबों को कर गया खामोश है
बोलता ‘आज़म’ नहीं वो कु़छ मुझे
रोज मुझको देखता खामोश है !
आज़म सावन खान
255 Total Views 3 Views Today
Subhanllah.
Bohat khoob