#Gazal by B K Gupta
गजल 1222*4
तमन्ना है यही दिल की जरा सी बात हो जाये ।
मिटे नफरत दिलों में प्यार की बरसात हो जाये ।।
चलो सब साथ में जी लें मिले जो जिन्दगी के दिन ।
न जाने जिन्दगी की आखिरी कब रात हो जाये ।।
किसी इंसान का फिर से भरोसा टूट न
जाये ।
भरोसा जो करे उस पर न कोई घात हो
जाये ।।
चलो मिलकर बुझाते है लगी जो आग नफरत की ।
धुऑ फिर से न नफरत का कहीं इफरात हो जाये ।।
यही है ”हिन्द” का कहना भुला दो मजहबी शिकवे ।
वफा मजहब सिखाता है वफा की बात हो जाये ।।
बी.के.गुप्ता”हिन्द”
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