#Gazal by Sagar Yadav Jakhmi
गजल – अगर हो सके तो
सदा मुस्कुराना अगर हो सके तो
न आँसू बहाना अगर हो सके तो
मेरी तिश्नगी अब तुम्हीं से बुझेगी
जरा पास आना अगर हो सके तो
कहीं कट न जाएँ मेरे सोच के पर
खुदा से मनाना अगर हो सके तो
तुम्हें जब सताए कभी याद मेरी
गजल गुनगुनाना अगर हो सके तो
मेरे प्यार को तुम भुला ही चुके हो
मुझे भी भुलाना अगर हो सके तो
कहीं प्यार का दीप जलता नहीं अब
बदल दो जमाना अगर हो सके तो
– सागर यादव ‘जख्मी’
सम्पर्क सूत्र- 07508424770
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