#Geet By Mukesh Bohara Aman
एक गीत
कौन ढूंढता है मन मुझको
कौन ढूंढता है मन मुझको ।
ना जाने क्यों आ जाता हूं
याद भूल से एक दिन सबको।।1।।
किसको तन्हाई ने घेरा
किसको लगा जगत अंधेरा ।
फिर जो खोजने लग जाता है
अनजाने, बेगाने रब को ।।2।।
जब लगता है तम घर उर में।
तब उर रहता हर पल डर में ।
तब चलता है सत्पथ प्राणी
पाने और रिझाने मुझको ।।3।।
कीट पतंगा मन का चंगा
अमन जिगर में बस्ती गंगा ।
आस मिलन की पूरी होती
मिलता है मनचाहा उसको ।।4।।
मुकेश बोहरा अमन गीतकार
बाड़मेर राजस्थान 8104123345
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