#Kavita by Bhuvnesh Kumar Chintan
कब तक सोओगेे ,अब जागो नया सवेरा आयेगा।
केवल कोरी लफ्फाजी से ,काम नहीं चल पायेगा ।।
कुछ कलमें जो राष्ट्र वाद की ,सदा दुहाई देती थीं ,
परिवर्तन को बदलावों को, जो अगुआई देती थीं।
अब वो कलमें क्यों गुमशुम हैं ,कौन हमें समझायेगा।…… ……..
जन धन की उम्मीदें टूटीं ,सत्ता के गलियारों से,
खून खराबे वाली खबरें मिलती हैं अखबारों से।
ख्बाब रुपहले हमें दिखा कर फिर कोई ठग जायेगा।………….
जातिवाद का जहर घोलना अब नेताजी मंद करो,
पहले वायदे पूरे करदो ,झूठ बोलना बंद करो।
वरना नाम न लेने वाला ,शेष कोई बच पायेगा।…..
राम लला कब तक मंदिर की यूँ ही राह निहारेंगे,
फटी हुई तिरपाल राजनेता क्या कभी संवारेंगे।
राम जन्म की भूमि अयोध्या में मंदिर बन जायेगा।…………