#Kavita by Amit kaithwar mitauli
चाहत है मेरी केवल एक बार ही बात हो जाए.
गाँव की सुनसान राहों पर मुलाकात हो जाए.
काश तुम केवल अपना एक पहर मेरे नाम कर दो.
घर आओ बरसात हो और फिर रात हो जाए.
तुम्हारी बाहें जुदा होने की इजाजत न दे तुमको.
एक हो जाएं हम कुदरत की कोई करामात हो जाए .
इस कदर लिपट कर रो ले हम दोनों होकर बेसुध .
कि उस अश्रु वर्षा में भीगने के पैदा हालात हो जाए.
– अमित कैथवार मितौली –
– 9161642312 –