Kavita #Kavita by Nirdosh Kumar Pathak May 16, 2018 Admin 0 Comments ( हमें पता ना था) रुख हवाओं का हमें पता ना था कि किधर किधर बहेंगीं रुख निगाहों का हमें पता ना था कि इस कदर बहकेंगीं हश्र आंखों का हमें पता ना था कि इस कदर भी बरसेंगीं कवि निर्दोष कुमार पाठक पेन्ड्रा रोड 9893453078