#Kavita by Raj Malpani
सुख में सब पास आते हैं,
दुःख में सब खो जाते हैं.
खिले हुए फूलों के संग
हंसने-रहने वाले
कब पास आते हैं,
जब फूल मुरझाते हैं…
अच्छे मौसम के साथी
कहाँ दूर तक चल पाते हैं,
धीरे-धीरे सब पत्तों से
पीले होकर झर जाते हैं.
सुन्दरता पास खींचती,
असुन्दरता दूर फेंकती.
जीवन की धारा
सबके ऊपर से बहती,
सुन्दर और असुंदर को
सहेजती सींचती.
जो इस धारा के संग
पूरी तरह बह पाते हैं,
वो ही बस रह पाते हैं
बाकी सब यूँ ही बह जाते हैं…
यूँ ही बिखर जाते है…..
यूँ ही टूट जाते है…..
यूँ ही छूट जाते है………