#Kavita by Shiva Kumar Pandit
सड़कों पर इतना संघर्ष कर
परिस्थियों के लायक बन गया
लोकलुभावन कुछ नारों से
अच्छे कार्यों के विरोध से
रातोंरात
जननायक बन गया
रटेरटाये भाषणों के
भटनायक बन गया
सता किसे अच्छा नहीं लगता
पर इतनी लोलुपता ठीक नहीं
शीर्ष पर पहुँचने की जल्दी में
नीतियों का खलनायक बन गया
शिव कुमार पंडित
कोलाकुसमा,धनबाद
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