मुझे तेरी मुलाकात याद रहती है!
तेरी नजरों की बात याद रहती है!
आज भी तड़पाती हैं तेरी अदाऐं,
तेरे ख्यालों की रात याद रहती है!
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कौन मेरी तन्हाई में हमारा बनेगा?
नाकामियों के दौर में बेचारा बनेगा!
टूटती मीनार हूँ अपने आशियाने की,
अब कौन इन दीवारों का सहारा बनेगा?
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